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शेर और खरगोश |Sher aur khargosh ki hindi kahaniya | lion and rabbit
उस शेर को जब भी बूख लगती तो वह सभा बिठाता और सभा में सारे जानवर को इकट्ठा करता और जो भी जानवर उसको पसंद आता वह उस जानवर को खा जाता, और अगर कोई भी जानवर उसके सभा में शामिल नही होता तो वह उस जानवर के सारे परिवार और उनके रिस्तेदारो को भी खा लेता ।
इसलिए उस शेर के सभा में न चाह के भी सारे जानवर को आना पड़ता था, क्यूंकि कोई भी जानवर अपनी जान बचाने के लिए अपने परिवार की जान खतरे में नही डाल सकता था, लेकीन कोई जानवर कर भी क्या सकता था ।
शेर बहुत ताकतवर था और बाकी सब जानवर उस शेर के मुकाबले कुछ नही थे, दिन पे दिन शेर का शिकार बढ़ते ही जा रहा था पहले शेर 10 दिन में एक बार सभा बुलाता अब तो शेर हर दो दिन के बाद सभा बुलाने लगा और जानवरो को मारने लगा ।
जानवर शेर के अत्याचार से दिन पे दिन तांग हो रहे थे, एक दिन जानवरो ने गुप्त रूप से बैठक बुलाई, और इस बात की भनक शेर को न लगने दी, सभी जानवर अपनी योजना में सफल हुए उन्होंने गुप्त रूप से बैठक बुलाई और शेर को पता भी नही चला ।
उन जानवरो की बैठक बालू के देख रेख में हुआ और उस सभा का अधिपत्ति भालू ही था, भालू पूछने लगा अगर उस जालिम शेर से छुटकारा पाना के कोई रास्ता हो तो बतावो, सब जानवर अपने अपने मत देने लगे हिरण बोली की हम यह जंगल छोड़कर चल चलते हैं ।
तो भालू ने बोला अगर हम जंगल छोड़कर जाते भी हैं, तो दूसरा जंगल यहाँ से कोसो दूर है हम इतने जल्दी नही पहुँच पाएँगे और उस शेर को पता भी लगा जाएगा की हम जंगल छोड़कर भाग रहे हैं, हिरण का सुझाव किसको भी पसंद नही आया ।
उस सभा में एक चालाख खरगोश भी था, उसने सुझव दिया की क्यूँ न हम शेर को किसी ऐसे जानवर से लड़ाये की वह जानवर उस शेर से भी शक्तिशाली हो और शेर उससे लड़ाई में हार जाए और हमे उस शेर से छुटकारा मिल जाए ।
तो भालू ने बोला की क्या भरोषा है, वह जानवर शेर को मारने के बाद हमे खायेगा नही, तो खरगोश ने बोला की हम शेर से किसी शाकाहारी जानवर की लड़ाई करवाएंगे, तो भालू ने बोला की कौन होगा ऐसा शक्तिशाली शाकाहारी जानवर ।
तो खरगोश ने कहा की हाथी, भालू ने पूछा कैसे, तो खरगोश ने कहा की शेर जब भी सभा बुलाता है का सभा में हाथी नही होते हैं, और उन हाथियों के नही होने से उस शेर को कोई आपत्ति भी नही होती है ।
भालू ने कहा की यह तो सही बात है, लेकेन हाथी को शेर से लड़ने के लिए कैसे मनाया जाए, खरगोश ने कहा की चलो चलकर उस हाथी को सारी बात बताई जाए क्या पता वह हाथी हमारी मदत कर दे ।
सारे जानवर उस हाथी के पास गए और उसे अभी तक की सारी बात बताई वह हाथी उस शेर से लड़ने के लिए राजी भी हो गया ।
हाथी ने शेर को लड़ने के लिए आमंत्रण दिया शेर ने हाथी की लड़ाई का आमंत्रण स्वीकार कर लिया और दोनों में लड़ाई होने लगी कभी शेर का पलड़ा भारी रहता तो कभी हाथी का हाथी और शेर में काफी देर तक लड़ाई चली ।
हाथी ने अपने सूढ़ में शेर को लपेटकर जमीन में पटक दिया शेर वही पे घायल होगया और दुशरी बार हाथी ने अपने सुढ़ में शेर को लपेटकर घूम घूमकर बहुत दूर फेक दिया और उससे शेर की मौत होगई ।
सारे जानवर शेर की मौत पर बहुत खुश हुए और खिशी से झूमने और नाचने गाने लगे इस तरह खरगोश की योजना से शेर की मौत हुई और अब उस जंगल का राजा खरगोश है ।
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