Good moral short stories in hindi:- आज हम Short kahaniya पढ़ने वाले हैं बच्चो के लिए, इस कहानिया को बच्चे और जवान भी पढ़ सकते हैं, आप सभी के लिए यह Good moral short stories in hindi for kids कहानिया है ।
इन short Hindi kahaniya के मदत से आप अपने बच्चे को जिंदगी के सबक सिखा सकते हैं, की जिंदगी में हमे किस तरह रहना चाहिए मैं उम्मीद करता हूं कि आपके बच्चे को मेरी यह कहानिया पसंद आये ।
Top 20+ Good Moral short stories in hindi for kids
- शेर और गधा
- शेर और सीकरी
- कबूतर के सब्र का फल
- भोला भालू
- लालची लोमड़ी
- भैंस और चिड़िया
- मरीज और डॉक्टर
- जान की किम्मत
- हांथी और शिकारी
- चूहे की इक्छा
- गधे की अक्ल ठिकाने
- बगुला और कछुआ
- हांथी और चींटी
- समझदार घोड़ा
- चक्रवर्ती और रामु
- जादुई मछली
(1) शेर और गधा #1 New short story in hindi with moral
एक जंगल में दो मित्र रहते थे शेर और गधा दोनों में गहरी मित्रा थी, ऐसा गधे को लगता गधे को लगता की शेर मेरा बहुत अच्छा मित्र है, मुशीबत में मेरी हमेसा मदत करेगा एक दिन गधा और शेर कहीं घूमने जा रहे थे।की उन दोनों के ऊपर कुछ जंगली जानवरो के झुंड ने हमला कर दिया शेर अपनी जान बचाकर वहाँ से भाग गया लेकीन गधा वहीं पे फंस गया अब गधे को समझ में नही आ रहा था की क्या करे ।
तभी वहाँ से कुछ हथियो का झुंड गुजर रहा था, और फिर उस गधे ने उन हथियो के झुंड को देखकर चिल्लाना सुरु कर दिया बचावो, बचावो, बचवो, हथियो के झुंड ने उस गधे की आवाज सुनी और का गधे को वहाँ पे बचाने के लिए पहुंच गए ।
तब से गधे को मालूम पड़ गया की शेर उसका अच्छा मित्र नही है, सिर्फ कामचलावू मित्र था, गधे ने शेर से अपनी दोस्ती तोड़ दी अब गधा किसी के ऊपर भी हद से ज्यादा भरोसा नही करता वह खुद की मदत खुद कर लेता
इस कहानी से हमे दो सिख मिलती है
नैतिक शिक्षा:-कभी भी किसी के ऊपर हद से ज्यादा भरोसा नही करना चाहिए
जो मुसीबत में साथ देता है वही सच्चा मित्र होता है ।
Moral Of This Short Hindi Story:-Never trust anyone too much
The one who accompanies him in trouble is the true friend.
(2) शेर और सीकरी #2 Amazing short story in hindi
जंगल का राजा आपको भी मालूम है और मुझे भी मालूम है की शेर होता है लेकीन वह शेर बहुत ही घमंडी था उस शेर को लगता की मुझे डराने वाले और मुझे मारने वाला इस दुनिया में पैदा नही हुआ है ।मुझे कोई नही मार सकता मैं इस जंगल का राजा हूँ और सभी मुझसे डरते हैं, एक दिन शेर जनवरो का शिकार करने जा रहा था तभी उस शेर को गोली चलने की आवाज सुनाई दी यह गोली एक सीकरी चला रहा था ।
शेर ने सोच की सीकरी मेरा क्या बिगड़ लेगा तबी शिकारी ने एक गोली चलाई वह गोली शेर के पैर पर आकर लगी शिकारी जैसे ही दुशरी गोली चलता शेर वहाँ से लंगड़ाते लंगड़ाते भाग गया और अपनी जान बचाई ।
अब शेर को उस शिकारी और उस बंदूक की गोली दोनों से डर लगने लगा और शेर समझ गया की मुझे भी मारने वाला और मुझे भी डराने वाला इस दुनिया में है ।
नैतिक शिक्षा:- घमंड इंसान को हमेशा ले डूबता है, इस घमंड को समय रहते सुधार लेना चाहिए
( अगर शेर को अपनी घमंड का एहेसास नही होता तो उसकी जान भी जा सकती थी लेकीन समय रहते शेर ने अपनी गलती को समझ लिया और उसके पैर पर पहली गोली लगते ही वह वहाँ से भाग गया उसने दुशरी गोली की इंतिजार नही किया )
(3) कबूतर के सब्र का फल #3 a short hindi story with moral
एक बार की बात है एक कबूतर बहुत ही भूखा था उस कबूतर ने कई दिनों से कुछ नही खाया था वह कबूतर खाने की तलास में बहुत भटका लेकीन उस कबूतर को खाना नही मिला ।फिर कबूतर थक हार के एक आंगन के पेड़ के डाली पर बैठ गया थोड़ी देर बैठने के बाद कबूतर ने देखा की, एक औरत नीचे रोटी बना रही थी, कबूतर उस रोटी को पाने के लिए इक्छुक होगया ।
कबूतर सोचने लगा की उस रोटी को कैसे हासिल किया जाए कबूतर पहले सोच अगर वह औरत वहाँ से चली जाए बस कुछ पल के लिए तो मैं रोटी को हासिल कर लूंगा कबूतर वहाँ बहुत देर तक बैठा रहा ।
फिर भी वहाँ से औरत नही जा रही थी, फिर जब उस औरत का रोटी बनाना होगया तो औरत ने उस रोटी को ढकने के लिए अंदर से एक बर्तन लेन गई इस बीच उस कबूतर को मौका मिल गया ।
उस रोटी को हासिल करने का उस कबूतर ने बिना समय गवाए जल्दी से जाकर उसमे से एक रोटी को लेकर उड़ गया इस तरह कबूतर की बूख भी मिट गई और उसकी जान भी बच गई ।
नैतिक शिक्षा:- सका फल हमेसा मीठा होता है ।
A short Hindi story with moral:-Patience is always sweet.
(4) भोला भालू #4 Moral stories in hindi very short for kids
बहुत समय की बात है एक जंगल में एक भालू रहता था वह भालू बहुत ही भोला था, भालू कभी भी किसीका बुरा नही सोचता था, वह भालू किसी के ऊपर भी आंख मुद के भरोसा कर लेता, और इस आंख मुद के भरोसा करने पर बहुत बार वह धोखा भी खा चुका था ।लेकीन वह भालू इतना धोखा खाने के बाद भी सुधर नही, वह अभी भी हर किसी के उनपर बहरोस करता इसलिए जंगल के सभी जानवर उस भालू को भोला भालू कहते थे, वैसे तो कहलने के लिए उस भालू के बहुत मित्र थे ।
लेकीन उस भालू को अपना कहने वाला कोई भी नही था और उस भालू को समझने वाला भी की कोई नही था की इतना भोला भोला बनना भी ठीक नही है, और किसी के ऊपर भी इतना भरोसा नही करना चाहिए ।
एक दिन एक शेर को बहुत भूख लगी थी, उस शेर बहुत सीकर किया लेकीन उसका शिकार हमेसा विफल जाता, उस शेर ने उस भोला भालू को आते हुए देखा और सोच की क्यूँ न इस भोले को शिकार बनाया जाए ।
शेर ने भालू के सामने एक नाटक किया, वह भालू से बोला भाई मुझे बूख लगी है, और खाना मेरे गुफा में है, मुझे चलते नही आ रहा है, मेरे पैर में कांटा चुभा है क्या तुम मुझे मेरे गुफा तक छोड़ दोगे ।
भालू ने कहा की ठीक है, मैं तुम्हे लेके चलता हूँ, और शेर के गुफा में जाते ही शेर ने भालू के ऊपर हमला कर दिया और उसे खा गया ।
नैतिक शिक्षा:- इतना भी भोला मत बनो की तुम्हारा कोई फायदा उठा ले, अगर भालू भोला नही होता तो वह शेर की चाल को समझ गया होता और उसकी जान न जाती ।
Moral Of This Short Hindi Story:-Do not be too innocent to take any advantage
(5) लालची लोमड़ी #5 Panchatantra short stories in hindi with moral
बहुत समय की बात है एक जंगल में लोमड़ी रहती थी, वह लोमड़ी एक दिन बहुत भूखी थी, उस लोमड़ी ने कई दिनों से कुछ नही खाया था उस लोमड़ी की भूख दिन पे दिन और हर एक सेकेंड बढ़ते ही जा रही थी ।वह लोमड़ी खाने के लिए बहुत भटकी लेकीन उसे खाना नसीब नही हुआ, फिर वह लोमड़ी इंसानी बस्ती में चली गई खाने की तलाश में वहाँ पे उस लोमड़ी को मुर्गी फार्म दिखाई दिया लोमड़ी को लगा की यहाँ पे जरूर मुर्गी होंगी।
लोमड़ी ने जब मुर्गी फार्म के करीब जा के देखा तो उस फार्म के बाहर ही चार पांच मुर्गिया घूम रही थी लोमफी सोचने लगी की जब बाहर इतनी मुर्गिया है, तो अंदर ढेर सारी सी मुर्गिया होगी ।
लोमड़ी यह सोचकर उस मुर्गी फार्म के अंदर जा पहुंची लेकीन अंदर जाते ही उस मुर्गी के ऊपर जाल गिर गया ( दरसल वह जाल ऐसे ही सब जानवर के लिए था, ताकि जानवर मुर्गियों को लेके न जा सके ) लोमड़ी उस जाल में फस गई ।
नैतिक शिक्षा:- लालच बुरी बला है
अगर लोमड़ी उन चार पाँच मुर्गियों को लेके चल जाती तो लोमड़ी उस जाल में ना फसती और उसकी भूख भी मिट जाती लेकीन लोमड़ी को लालच आगया ।
Short moral Stories in Hindi
Sher aur khargosh
Sher aur chuha
Jaadui bakri
Majedar kahaniya
Baccho ki kahaniya
Hindi kahaniya
Moral Stories in Hindi for class 3
A short Hindi Story with moral:- Greed is bad
(6) भैंस और चिड़िया #6 short unique story in hindi
एक बार की बात है, एक चिडया उड़ते उड़ते थक गईं थी उस चिड़िया को कहीं बैठकर आराम करना था, लेकीन उस चिड़िया को बैठने की कहीं जगह नही मिल रही थी ।चिड़िया ने देखा की एक भैंस नीचे घास चर रही थी, उस चिड़िया ने सोच की उस भैंस के ऊपर बैठकर थोड़ी आराम कर लेती हूँ ।
वह चिड़िया उस भैंस के ऊपर जाकर बैठ गई कुछ देर बैठने के बाद चिड़िया की थकावट मिट गई, वह वहाँ से जाने लगी उसने सोच की भैंस को मैं धन्यवाद बोल देती हूँ ।
उस चिड़िया ने बोला की बेहेन धन्यवाद जो आपने मुझे अपने पीठ पर कुछ देर बैठने दिया मैं आपकी बहुत आभारी हूँ उस भैंस ने बोला की तुम मेरी पीठ पर कब बैठी मुझे मालूम भी नही ।
नैतिक शिक्षा:- घमंडी का सिर चकनाचूर हो गया
( उस चिड़िया को लगा की उसका वजन ज्यादा है, और उसके वजन से भैंस को तकलीफ हुई है, इसलिए चिड़िया ने उसे धन्यवाद बोला लेकीन चिड़िया को अपने गलती का एहेसास होगया )
Moral of this short hindi story:- proud head shattered
(7) मरीज और डॉक्टर #7 short hindi story for kids
एक छोटे से गांव में रामु नाम का एक आदमी था, रामु हमेसा हस्ता और खेलता रहता था, एक सीधे साधे सब्द में बोला जाए तो वह आदमी बहुत ही खुस मिजाज का था वह कभी भी किसी का बुरा नाही सोचता ।एक दिन रामु अचानक बीमार गिर गया उसके आस पास के लोग और उसके मित्र सारे उसके घर में आगये रामु का तबियत पता करने रामु ने कहा की मुजे बस थोड़ा सा बुखार है, कोई डॉक्टर को बुला दो ।
रामु के दोस्त बोलने लगे की डॉक्टर की क्या जरूरत है हम हैं न अभी ठीक किये देते हैं, लोग उस रामु पर अपने देशी नुस्खे आजमाने लगे लेकीन रामु थिख नही हुआ, उल्टा वह और बीमार गिर गया ।
पहले रामु को सिर्फ बुखार था लेकीन अब रामु को सर दर्द और कमर दर्द भी होने लगा रामु की तबीयत ठीक होने के बजाए और खराब होने लगी फिर वहाँ के समझदार व्यक्ति ने रामु की तबियत खराब होते हुए देख डॉक्टर को बुलाया ।
डॉक्टर के ने रामु को एक सुई दिया और कुछ दवाइया दी बोला की काल तक ठीक होजायेगा अभी इन्हें आराम करने दे ।
नैतिक शिक्षा:- जिसका काम उसी को साजे
(8) जान की किम्मत #8 kids short story in hindi with moral
एक बार की बात है, राजू नामक व्यक्ति हमेसा लोगो की जान से मजाक करते रहता था, राजू लोगों की जान नही लेता लेकीन वह लोगो को इस कदर डरता की, लोगो की जान जाते जाते बच जाती ।इसी तरह एक दिन राजू लोगो से मजाक कर रहा था, अचानक एक आदमी को डर के कारण दिल का दौर पड़ गय, उस आदमी को आस पास के लोगो अस्पताल लेके गए और उसकी जान बचाली ।
लेकीन वहाँ अस्पताल में बैठे कुछ लोग सोचने लगे की आज डर के कारण इस आदमी को दिल का दौरा पड़ा हो सकता है की कल हमे भी पड़े इसलिए हमे कुछ राजू का इलाज करना पड़ेगा नही तो वह हमेसा हमे इसी तरह डरता रहेगा ।
राजू जो लोगो को डरता उसको भूतो से बहुत डर लगता था, उन लोगो ने राजू को भूत बनकर डराने की योजना बनाई जब उन लोगो ने राजू को भूत बनकर डराया तो डर के मारे राजू को मिर्गी का दौरा आगया ।
वहाँ के लोगो ने राजू को तुरंत चप्पल और जूते सुंघाए राजू को फिर जाके होश आया और राजू दुसरो की जान को कीमत समझ गया ।
नैतिक शिक्षा:- मजाक उतना ही करो की सामने वाले को हानि न पहुंचे
A Moral of this short hindi story:- Joke as much so as not to harm the front
(9) हांथी और शिकारी #9 short story in hindi for students
बहुत समय पहले एक जंगल मे हथियो का कई सारे झुंड रहते थे वह जंगल हथियो के लिए बहुत प्रसिद्ध था, उस जंगल में ज्यादा तर हांथी ही पाए जाते थे, उस जंगल में विभिन्न प्रकार के हथियो की प्रजाति पाई जाती थी ।एक दिन उस जंगल में एक सीकरी आया वह हथियो का सीकर करने लगा, उन हथियो का सीकर करके उनके दांत निकल कर उनके दाँत को बाजारों में बेच देता जिससे उस सीकरी को मुनाफा होता उस सीकरी ने कई सारे हथियो को मार दिया था ।
एक दिन एक हांथी उसके पास आया और उससे पूछने लगा की भाई तुम्हे हमे मार के क्या खुसी मिलती है, सीकरी बोलने लगा की भाई मुझे तुम हथियो को मारके मुझे खुसी नही मिलती है, यह तो मैं अपने पापी पेट और पैसे के लिए करता हूँ ।
हांथी ने कहा की अगर मैं तुम्हे ढेर सारि हांथीयो का हड्डी का ढांचा दे दूं तो क्या तुम जीवित हांथीयो का सीकर करना छोड़ दोगे सीकरी ने कहा की हां छोड़ दूंगा, हांथी उस सीकरी को हांथीयो के मुर्घट में लेके गया ।
Short moral Stories in Hindi
Sher aur khargosh
Sher aur chuha
Jaadui bakri
Majedar kahaniya
Baccho ki kahaniya
Hindi kahaniya
Moral Stories in Hindi for class 3
जहाँ पर ढेर सारे हड्डी के ढाचे थे, उस सीकरी ने उन हड्डी के ढांचे को बेच दिया और जो उससे पैसे आये उन पैसे को लेकर वह उस जगह से चला गया अब वह सीकरी ने सीकर करना छोड़ दिया था ।
(10) चूहे की इक्छा #10 Good moral short stories in hindi for kids
एक दिन एक छोटा से चूहा अपने बिल में बाहर निकल कर खाना ढूढ़नी जा रहा था तभी उस चूहे पर एक बिल्ली का हमला हुआ चुआ बहुत डर गया चूहा वहाँ से कैसे कैसे जान बचके चला गया ।और अपने बिल में जाने के बाद वह भगवान को कोसने लगा उसने कहा की भगवान तुमने मुझे बिल्ली क्यों नही बनाया अगर मैं बिल्ली होता तो मुझे किस्से भी डर नही लगता भगवान प्रकट हुए और बोले थिख है मैं तुजे बिल्ली बना देता हूँ ।
चूहा बिल्ली बन गया और वह सोचने लगा की अब मुझे कैन मारेगा अब मैं किस्से भी नहि डरता, लेकीन तभी उस पर शेर का हमला हुआ बिल्ली वहाँ से बच के निकल गई और फिर से भगवान को कोसने लगी ।
की भगवान तूने मुझे शेर क्यूँ नही बनाया, इस बार भगवान फिर से प्रकट हुए और बोले ठीक है मैं तुझे शेर बना देता हूँ, वह फिर जंगल में चल गया वापस वह सोचने लगा लेकेन तभी शेर के के कान के बाजू में से बंदूक की गोली निकली यह गोली सीकरी ने चलाई थी ।
वहाँ से बच के निकल गया भगवान को फिर से बुलाया और बोला की मुझे इस बार शिकारी बनना है, वह सीकरी बना फिर से सोचने लगा लेकीन तभी उसके उपर शेर का हमला हुआ वह वहाँ से भी बच निकल ।
इस बार वह चूहा समझ गया था की हर एक जीव जंतु के उपर खतरा है, हमे हर मुसीबत का सामना करना चाहिए उससे भागना नही चाहिए हम जितना भागेंगे मुसीबत उतना पीछे आएगी ।
उस चूहे ने भगवान को फिर से याद किया और बोला की भगवान मुझे माफ करदो मुझसे गलती होगई मुजे मेरे गलती का एहेसास होगया मुझे अब फिर से चूहा बनना है, अब वह चूहा किसी से भी डरता नही बल्कि उन मुसीबतों का सामना करता है ।
(11) गधे की अक्ल ठिकाने #11 moral story in hindi very short
एक गधा था वह अपने आप को ज्यादा हुसियार समझता था, लेकीन गधे का मालिक गधे को सिर्फ समान ढोने में उपयोग करता उस गधे का मालिक उस गधे पर सिर्फ नमक की बोरी को ढोता ।लेकीन वह जिस रोड से आता जाता उस रोड के बीच में एक छोटी सा नाहर था वह ज्यादा गहरा भी नही था उसे पार करके वह गधा और उसका मालिक आते जाते थे और वह नामक की बोरियो को दूसरे किराने दुकान में बेच देता ।
एक दिन ऐसे ही वह गधे के ऊपर नामक की बोरी लाद कर नाहर पार कर रहा था, गधा थक गया था और वह गधा पानी के अंदर ही बैठ गया, उसका मालिक उसको डंडे मरते रहा लेकीन वह गधा वहाँ से उठा नही ।
गधा थोड़ी देर बाद उस पानी में से उठा तो वह नामक की बोरी हल्की हो चुकी थी उनमे कुछ वजन ही नही था, क्यूँ की नामक पानी मे घुल गया था, अब गधा रोज ऐसे ही करने लगा उस गधे के मालिक को नुकसान होने लगा ।
उसने गधे को अकल ठिकाने लाने के लिए उस पर नामक की बोरी के बजाय उसने रुई ( Cotten ) की बोरी लाद दी गधे को उसका वजन हल्का था गधा मस्त मगन में चल रहा था ।
लेकीन गधे के आदत नही छुटी वह उस पानी में जाकर फिर से बैठ गया और जब उस पानी में से उठा तो गधे को उस रुई का वजन बहुत भारी लगा अब गधे को चलते ही नही आ रहा था ।
गधा धीरे धीरे चल रहा था, और उसका मालिक डंडे से उसे मरता ही जा रहा था और कहता चल जल्दी से चल उस मालिक ने गधे के साथ यह घटना चार बार की फिर उसके बाद गधे ने पानी में बैठना ही छोड़ दिया ।
(12) बगुला और कछुआ #12 very short moral story in hindi
एक छोटे से नदी में तीन पक्के दोस्त रहते थे कछुआ और दो बगुले उन तीनो की दोस्ती बहुत ही पक्की थी तीनो हमेसा साथ साथ रहते थे, उस नदी में बस वह तीनो और कुछ छोटी छोटी मछलियां रहती थी ।उन मछलियों को वह बगुले खा जाते थे अब पानी के अंदर मछलियां काम होने लगी और नदी का पानी भी कम होने लगा धीरे धरी एक दिन ऐसा आया की नदी का पानी पूरा सुख गया ।
वह उड़ कर गया और कहिं से एक लकड़ी लेकर आया और दूसरे बगुले को बोला की हम लकड़ी के दोनों सिरे को अपने पैर में दबा के उड़ेगें और कछुआ अपने मुह से लकड़ी को बीच में से पकड़ लेगा ।
बगुला बोला की कछुआ ध्यान रखना की अपना मुह मत खोलना कछुए ने बोला की ठीक है मैं अपना मुह नही खोलूंगा यह बोलकर कछुआ और बगुले उड़ गए ।
उड़ते वक्त वह एक गांव से गुजरे गांव के बच्चे खेल रहे थे तभी उन्होंने कछुए को उड़ते हुए देखा वह जोड़ जोड़ से चिल्लाने लगे की वह देखो कछुआ उड़ रहा है सारे गांव वाले जमा होगये उस उड़ते हुए कछुए को देखने के लिए ।
सब पूछने लगे की कहाँ जा रहे हो, कछुए ने जैसे ही बोलने की लिए अपना मुह खोल वह नीचे गिर गया और गांव के लोगो ने उस कछुए को पकड़ लिया ।
(13) समझदार घोड़ा #13 moral short story for children
एक जंगल में दो मित्र रहते थे घोंडा और शेर दोनों की गहरी दोस्ती थे घोड़ा अपने सुख दुख की बात हमेसा उस शेर से करता ।एक दिन शेर सीकर करने गया उसके हाँथ में कोई भी सीकर नही आया उसे बुखा ही सोना पड़ा दूसरे दिन भी उसे सीकर नही मिलने के वजह से उसे फिर से बुखा ही सोना पड़ा ।
ऐसा शेर के साथ ग्यारह दिन गुजर गए शेर ने अभी तक कुछ नही खाया था शेर भूख के कारण तड़प रहा था, तभी उसके पास उसका दोस्त घोड़ा आया घोड़ा शेर से उसकी तबियत पानी पूछने लगा ।
उसने उससे पूछा क्या हाल है दोस्त, शेर ने कहा क्या बताऊं मित्र मैन ग्यारह दिनों से कुछ नही खाया और लगता है की मुझे आज भी भूखे ही सोना पड़ेगा घोड़े ने कहा की मैं तुम्हारे लिए फल लेके आऊँ क्या तुम खावोगे ।
शेर ने कहा की जिस तरह तुम्हे मांसाहारी खाना पसंद नहीं है उसी तरह मुझे भी शाकाहारी खाना पसंद नही है, शेर सोचने लगा की क्यूँ न इस घोड़े को ही खा लिया जाए, घोड़ा उस शेर के इरादे समझ गया था की शेर उसे ही खाने वाला है ।
Short moral Stories in Hindi
Sher aur khargosh
Sher aur chuha
Jaadui bakri
Majedar kahaniya
Baccho ki kahaniya
Hindi kahaniya
Moral Stories in Hindi for class 3
घोड़े ने कहा की मित्र मुझे थोड़ा काम है, मैं दो मिनट में वापस आया घोड़ा वहाँ से जानेके बाद फिर उसके बाद कभी शेर के पास वापस नही आया ।
(14) चक्रवर्ती और रामु #14 unique very short story for kids
चक्रवर्ती नाम का एक अमीर आदमी था, चक्रवर्ती के पास बहुत सारा धन था लेकीन वह गरीबो और ब्राह्मणों को उन धन में कुछ नही दान करता उल्टा उनसे चक्रवर्ती छीन लेता ।एक दिन चक्रवर्ती को मालूम पड़ा की उसके पुराने घर के नीचे सोने की खदान है, वह उसे खदान को ख़ूनवाना चाहता था, लेकीन वह यह भी चाहता था की इस बात की भनक किसी को भी ना पड़े ।
वार्ना अगर किसी को भी भनक पड़ गई तो यह सारा खजाना सरकार के पास चल जाएगा, फिर चक्रवर्ती ने एक चाल चली उसने ऐलान करवाया की जो भी चक्रवर्ती के बंगले के अंदर जाकर उसे खुस करेगा तो वह उसे ढेर सारा पैसा देगा ।
बहुत से लोग उसे हंसाने के प्रयास में गए लेकीन वहाँ से वापस नही आये चक्रवर्ती उन्हें वहीं से अपहरण करवा लेता और उन्हें उस खदान में भजे दिया जाता ।
एक बार रामु चक्रवर्ती के महल के अंदर जाने से पहले थोड़ी जांच पड़ताल की, की क्या सही में चक्रवर्ती इतना दानी होगया या सिर्फ ढोंग कर रहा है, लोगो ने कहा की हम सिर्फ लोगो को अंदर जाते हुए देखते हैं वापस आते हुए नही ।
रामु को थोड़ा शक हुआ वह अंदर जाने से पहले छुप के देखने लगा की वह चक्रवर्ती लोगो के साथ क्या करता है, रामु ने देखा एक आदमी अंदर गया और चक्रवर्ती ने उसे अपहरण कर लिया और उसे गाड़ी में बिठाकर लेके जा रहे थे ।
रामु ने उस गाड़ी का पीछा किया, और रामु वहाँ जा पहुंचा जहाँ चक्रवर्ती लोगो से खदान खुनव रहा था, और उस खदान में से सोना निकल रहा था, जब रामु को इस बात की भनक पड़ी तो वह तुरंत थानेदार के पास गया और उसे सारी बात बताई ।
थानेदार ने चक्रवर्ती को हिरासत में ले लिया और जो लोगो उसके खदान में काम कर रहे थे उन्हें भी आजाद कर दिया और उस खदान के ऊपर कब्जा कर लिया और चक्रवर्ती को कारागह में डाल दिया, रामु को इस बहादुरी के लिए पुरुस्कृत किया गया ।
नैतिक शिक्षा:- हमे हमेसा समझदारी से काम लेना चाहिए, हमे जल्दबाजी में कोई भी फैसला नही करना चाहिए
Moral of this short hindi story:- We should always act wisely, we should not make any decision in haste
(15) हांथी और चींटी #15 Latest hindi moral stories very short
बहुत समय पहले की बात है एक हांथी अपने आप को जंगल का राजा समझता था क्यूंकि उस हांथी ने एक बार एक शेर को लड़ाई में हारा दिया था तब से हांथी को अपने आप के ऊपर घमंड आगया ।वह हांथी सोचने लगा की अब मैं इस जंगल का राजा हूँ मुझे हराने की ताकत किसी में भी नही है, मेरे सामने जो भी आएगा वह हार जाएगा ।
एक दिन एक छोटी सी चींटी हांथी के पास आई और बोली की मैं तुम्हे हारा सकती हूँ पहले तो हांथी हंसने लगा और बोला की तुमने अपनी साइज देखी है तुम्हारी साइज कितनी है, और मेरी साइज तुम मुझसे हार जावोगी ।
अगर मैन तुम पर पैर भी रख दिया तो तुम मार जावोगी, चींटी ने बोला तुम मुझसे लड़ाई करोगे या फिर नही हांथी ने बोला ठीक है, चींटी उस हांथी के सूढ़ के अंदर घुस गई और उसे सूढ़ के अंदर काटने लगी ।
हांथी दर्द के कारण चिल्लाने लगा और बोला की बस मुझे मालूम पड़ गया की तुम मुझे हारा सकती हो मुझे छोड़ दो मेरे सूढ़ से निकल जावो हांथी का अभिमान पूरी तरह से चकना चूर होगया ।
इसलिए कभी भी रोड पे चलते हुए हांथी अपनी सूढ़ से हवा छोड़ते हैं ताकि उनके सूढ़ के अंदर कोई घुस न जाए ।
(16) जादुई मछली #16 short hindi story for class 1
कई सदियों पहले की बात है एक गरीब रामु नामक आदमी अपनी बीवी के साथ एक छोटे से झोपड़ी में रहता था रामु की आदत थी की जितना है उतने में ही खुस रहना चाहिए ज्यादा लालच नही करना चाहिए लालच बुरी बला है, रामु का यह मन्ना था ।लेकीन इसके बिल्कुल विपरीत उसकी बीवी थी रामु की बीवी को धन और बड़े से महल में रहने की हमेसा इक्छा थी वह रामु को हमेसा कहती की यह मछली मारने का काम छोड़ दो इसमें ज्यादा पैसा नही है, कोई बिजनस डाल लो जिसमे ज्यादा मुनाफा हो ।
रामु उसे कहता की अगर बिजनस डालना भी चाहे तो उसमे ज्यादा पैसा लगेगा इतने सारे पैसे कहाँ से आएंगे अगर उधार लेकर भी बिजनस खोल तो उधार के पैसे कहाँ से चुकाऊंगा अगर बिजनस कामयाब नही हुआ तो ।
और मुझे मछली मारने के सिवाय दूसरा काम भी तो नही आता है, और जितन भगवान ने दिया है उतने में ही खुश रहो वह यह सारी बाते हमेसा अपनी बीवी को समझता लेकीन उसकी बीवी समझने का नाम न लेती उल्टा जब रामु अपनी बीवी को समझाने जाता तो उसकी बीवी उसे ही सांत करवा देती ।
रामु हमेसा समुंदर में से मछली मार के लाता और उन्हें वह बाजार में बेच देता, एक दिन रामु मछली मारने समुंदर में जा रहा था रोज रामु को किनारे के आस पास ही मछली मिल जाती उसे अंदर जाने की जरूरत नही पड़ती लेकीन आज ऐसा नही हुआ ।
रामु को किनारे पर मछली नही मिली तो रामु को समुंदर के बीचो बीच जाना पड़ा जब रामु ने पहला जाल फेक तो उसके जल में एक बड़ी से मछली फंसी रामु ने जाल को ऊपर खिंचा जाल को ऊपर खीचते ही वह मछली चिल्लाने लगी ।
जैसे ही रामु ने मछली को छोड़ा तो वह मछली चमकने लगी और उसे बोली की मानव मैं तुम्हारी परीक्षा ले रही थी और तुम मेरी परीक्षा में सफल हुए तुम्हारा दिल बहुत साफ है, और तुम दुसरो का भला सोचते हो ।
मांगो तुम्हे क्या चाहिए मैं तुम्हे सब कुछ दूंगी रामु ने बोला के मुझे कुछ नही चाहिए बस मुझे मछलियां चाहिए रामु को उस मछलिने ढ़ेर सारी सी मछलियां दे दी और कहा की तुम्हे जब भी मेरी जरूरत हो मुझे याद करना मैं अजाउँग ।
रामु ने बोला की ठीक है, रामु वह सारी मछलियों को बाजार लेकर गया और उनको बेच दिया, बेचने के बाद रामु घर गया और उसने अपनि बीवी को सारी बात बताई रामु की बीवी ने कहा की अरे मूर्ख इंसान उसे तुम ढेर सारे पैसे और एक महल भी मांग सकते थे, और कुछ पैसे भी ।
रामु ने बोला की नही यह गलत है, मुझे अपनी मेहनत से सब कुछ करना है, उसकी बीवी ने उसे बहुत समझाया फिर जाके वह राजी हुआ, रामु की बीवी ने रामु को बोला की तुम जावो और मछली को कहना की मेरे टूटे फूटे घर को एक पक्के छत वाले घर में बदल दो ।
रामु उस समुंदर के पास गया और उसने उस मछली को आवाज लगाई वह मछली प्रकट होगई, उस मछली से रामु ने कहा की तुम मेरे टूटे फूटे घर को एक पक्के छत वाले घर में बदल दो मछली ने कहा की ठीक है तुम्हारी इक्षा पूरी है मैन तुम्हारे घर को छत वाले घर में बदल दिया है, जाव जाके अपने घर को देखो ।
जब रामु अपने घर गया तो उसने देखा की उसके छोटी से झोपड़ी वहाँ पर नही है अब वहां पर एक शानदार घर है और उसकी बीवी वह घर देखकर बहुत खुस है, जब उसकी बीवी समझ गई की वह मछली कुछ भीबकर सकती है तो उसने रामु को बोला जावो और उस मछली को कहना की अब मुझे एक राजावो और महाराजावो जैसा घर चाहिए और इस जगह की रानी मेरी बीवी होनी चाहिए ।
रामु फिर से उस समुंदर के पास गया और वापस मछली को आवाज लगाई मछली फिर से प्रकट हुई और इस बार रामु ने कहा की मुझे एक राजावो और महाराजावो जैसा महल चाहिए उस महल और इस जगह की रानी मेरी बीवी होनी चाहिए मछली ने इसकी फिर से इक्छा पूरी कर दी ।
वह फिर से अपने घर गया और देखा की उसका घर अब एक महल में बदल चुका है, इस रामु की बीवी ने कहा की इस बार फिर से मछली के पास जावो और उससे कहना की मुझे अब सोने, चांदी, हिरे, मोती, और ढेर सारे से पैसे चाहिए ।
रामु फिर से उस मछली के पास गया और जैसा उसकी बीवी ने बोला था उसने वैसा ही उस मछली को बोला मछली ने उसकी यह भी इक्छा पूरी कर दी जब रामु वापस अपने महल गया तो उसने देखा की उसके पास सोने, चांदी, हिरे, मोती, और ढेर सारे पैसे हैं, और पैसे भिनितने की वह बहुत दिनों तक बिना काम के भी आराम से बैठकर खा सकता है ।
कुछ दिन तक उसकी बीवी ने उससे कुछ नही मंगा और सन्ति से और खुसी से अपना जीवन बिताने लगी लेकीन एक दिन अचानक उसके दिमाग में ख्याल आया अगर मछली इतनी ना मुमकिन सी चिझे कर सकती ही तो वह मुझे भगवान भी बना सकती है ।
वह रामु के पास गई और उससे कहा की मुझे अब इस पूरे जहाँ का भगवान बनना है, तुम मछली के पास जाकर यह बाते कहो रामु ने कहा तुम पागल होगई हो इंसान कभी भगवान नही बनता उसने कहा हम तो इतने गरीब थे लेकीन आज इस जगह के राजा और रानी है न, तो फिर यह भी मुमकिन है की, मछली मुझे भगवान बना सकती है ।
रामु वापस मछली के पास गया और उससे कहने लगा की हे मछली मेरे बिवो को इस जहाँ का बागवान बनना है, तुम उसे भगवान बना दो मछली ने कहा की हे मानव तूने अभी तक जितनी मेरे से इक्छा मांगी मैन वह सारी इक्छा पूरी की लेकीन अब तू ललच की चरण सिमा पार कर चुका है इसलिए तुझे मैन जितना भी अभी तक दिया है मैं वह सारा वापस लेती हूँ ।
और पहले तू जैसा था वैसा ही होजाये, इसके बाद से तू मुझे कभी मत बुलाना और अगर बुलाया भी तो मैं तेरी शहायता करने के लिए नाही आउंगी, रामु वहाँ से उदास होकर चला गया और जब वह अपने घर गया तो देखा की सब पहले जैसा हो चुका है ।
उसकी बीवी घर के अंदर रो रही है, जब रामु उसके पास गया तो उसकी बीवी ने रामु से माफी मांग और कहा की तुम अपनी जगह पर हमेसा सही थे, मैं ही गलत थी इंसान को जितना मिला है उतने में ही खुस रहना चाहिए ज्यादा की उम्मीद नही करना चाहिए, अगर मैन और लालच नही किया होता तो मैं अभी तक रानी और तुम राजा होते ।
Short moral Stories in Hindi
Sher aur khargosh
Sher aur chuha
Jaadui bakri
Majedar kahaniya
Baccho ki kahaniya
Hindi kahaniya
Moral Stories in Hindi for class 3
तो दोस्तो कैसा लगा आपको यह Good moral short stories in hindi मुझे कमेंट कर के जरूर बताये अगर कोई कहानी मैंने गलत लिख दी हो तो मुझे माफ कर देना और मेरी गलतियों को नजर अंदाज कर देना Good moral short stories in hindi for kids